‘स्वामी विवेकानंद युवा शक्ति मिशन’ युवाओं की ऊर्जा को देगा रचनात्मक दिशा: मुख्यमंत्री डॉ. यादव

भोपाल : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का ध्येय मंत्र GYAN पर ध्यान (ग़रीब, युवा, अन्नदाता और नारी) के सशक्तिकरण पर रहा है। उनके सशक्त एवं विजनरी नेतृत्व में राज्य सरकार का भी फोकस युवाओं के सशक्तिकरण पर है। प्रधानमंत्री मोदी के ध्येय मंत्र को धरातल पर लाने के उद्देश्य से प्रदेश के युवाओं को आत्मनिर्भर एवं सशक्त बनाने, उनमें नेतृत्व क्षमता विकसित कर उनकी ऊर्जा को रचनात्मक दिशा देने के लिये "स्वामी विवेकानंद युवा शक्ति मिशन" प्रारंभ किया जा रहा है। मध्यप्रदेश के विकास में युवाओं की व्यापक क्षमताओं का उपयोग करने के उद्देश्य से डिजाइन किये गए इस मिशन का नामकरण युवाओं (ऊर्जा) के आदर्श स्वामी विवेकानंद के नाम पर किया गया है। इस वर्ष 2025 में उनकी जयंती 12 जनवरी से राज्य स्तरीय मिशन को शुभारंभ किया जाकर सशक्त युवा नेतृत्व से मध्यप्रदेश के विकास का स्वर्णिम अध्याय रचा जायेगा।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के सशक्तिकरण मंत्र के विजन GYAN में शामिल ‘युवा’ (वाय) में शिक्षा, कौशल विकास और सामुदायिक सेवा जैसे प्रमुख नेतृत्व गुणों को विकसित कर उन्हें सक्षम बनाया जाएगा, जिससे वे प्रदेश के सामाजिक-आर्थिक विकास में सक्रिय भूमिका निभा सकें। मुख्यमंत्री ने कहा कि देश में 15 से 29 वर्ष के युवाओं की संख्या 27.3 प्रतिशत है। इनकी ऊर्जा को रचनात्मक दिशा दी जाए तो वे देश-प्रदेश के विकास के लिए मील का पत्थर सिद्ध होंगे। ‘स्वामी विवेकानंद युवा शक्ति मिशन’ के केंद्र में इसीलिए युवाओं को रखा गया है। युवाओं को नेतृत्व सक्षम बनाने के लिये आवश्यक संसाधन और अवसर प्रदान करना ही इस मिशन का मुख्य उद्देश्य है। इसकी पूर्ति के लिए युवाओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, व्यावसायिक कौशल का प्रशिक्षण देकर नौकरी के लिए तैयार किया जाएगा।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मिशन में युवाओं को शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ एवं सुदृढ़ बनाया जाएगा, जिससे वे समाज, खेल, संस्कृति, पर्यावरण सुधार और अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में चुनौतियों का सामना करते हुए अपने लिए सम्मानजनक स्थान सुनिश्चित करने में समर्थ बन सकें। मिशन का लक्ष्य वर्ष-2030 तक प्रदेश के 70 प्रतिशत युवाओं की आय मानक कुशल श्रेणी श्रमिक के लिए निर्धारित न्यूनतम दर के समान करना है। इसके लिए वर्ष-2028 तक प्रदेश के शत-प्रतिशत युवा को 10वीं एवं 2030 तक 12वीं तक अनिवार्य रूप से शिक्षित किया जाएगा।  

मिशन का कार्यक्षेत्र एवं स्तंभ

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि "स्वामी विवेकानंद युवा शक्ति मिशन" का ध्येय वाक्य, ‘संवाद-सामर्थ्य-समृदिध’ के माध्यम से ‘आत्म दीपो भवः’ है। इस ध्येय वाक्य के प्रकाश में मिशन के लिए प्रमुख स्तंभ संवाद, शिक्षा, क्षमता संवर्धन, उद्यमिता एवं रोजगार, सामाजिक पहल और अनुश्रवण तय किये गए हैं। इस कार्य के लिए हर्ष (Holistic Assessment of Requirement for Support and Handholding), हुनर (Holistically Upskilling NARi-shakti), दक्ष (Direct Application of Knowledge and Skills) और श्रुति (State wide Reach-out on Understanding Technology and Innovation) जैसी पहल की जाएंगी। युवा-केंद्रित पहलों की प्रगति पर निगरानी रखने के लिए एक प्रभावी तंत्र स्थापित किया जायेगा। कार्यक्रम और पहलों को लगातार परिष्कृत करने के लिए डेटा-संचालित प्रणाली का उपयोग किया जायेगा। इस उद्देश्य के लिए, मिशन के तहत चिन्हित गतिविधियों और लक्ष्यों पर निगरानी रखने के लिए एक अलग पोर्टल विकसित किया जाएगा।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि स्थानीय विकास परियोजनाओं में युवाओं की भागीदारी उनके कौशल को निखारती है, साथ ही उन्हें जिम्मेदार नागरिक भी बनाती है। ‘युवा शक्ति मिशन’ मध्यप्रदेश के युवाओं के सशक्तिकरण की मजबूत बुनियाद सिद्ध होगा। साथ ही प्रधानमंत्री मोदी के ‘GYAN पर ध्यान’ के मंत्र में शामिल युवा शक्ति के सशक्तिकरण का प्रभावी तंत्र बन कर उभरेगा।