भोपाल मेट्रो: एम्स से सुभाष नगर तक CMRs निरीक्षण पूरा, जल्द शुरू होगा संचालन

भोपाल
 अक्टूबर में भोपाल मेट्रो के प्रायोरिटी कॉरिडोर पर संचालन का जो लक्ष्य रखा गया था, अब वह पूरा होने के करीब है। मेट्रो प्रबंधन ने संचालन की तैयारियों को अंतिम रूप देने के लिए दिल्ली से आई कमिश्नर मेट्रो रेल सेफ्टी (सीएमआरएस) की टीम द्वारा दूसरे चरण का निरीक्षण पूरा करा लिया है।

सीएमआरएस की तीन सदस्यीय टीम ने 15 और 16 अक्टूबर को एम्स से सुभाष नगर स्टेशन तक प्रायोरिटी कॉरिडोर का गहन निरीक्षण किया। इस दौरान मुख्य लाइन, ट्रैक, विद्युत और यांत्रिक (ई एंड एम) सिस्टम, स्टेशन भवन और परिचालन से जुड़ी सभी व्यवस्थाओं की बारीकी से जांच की गई। यह भोपाल मेट्रो की अंतिम परीक्षा मानी जा रही है। अब सिर्फ ‘ओके टू रन’ रिपोर्ट का इंतजार है।

इससे पहले 25 सितंबर को मुख्य रेलवे संरक्षा आयुक्त (सीसीआरएस) और उनकी टीम ने डिपो और रोलिंग स्टॉक का परीक्षण किया था। वहीं इस बार सीएमआरएस टीम ने सभी स्टेशनों पर सुरक्षा और तकनीकी मानकों की समीक्षा की ताकि संचालन शुरू होने से पहले सभी सिस्टम पूरी तरह सुरक्षित और मानक अनुरूप हों।

CMRS की दूसरी जांच में डिपो से AIIMS Bhopal तक के आठ मेट्रो स्टेशन शामिल होंगे। इस जांच में यात्रियों के लिए सुविधाओं पर खास ध्यान दिया गया। इसमें स्टेशन के आने-जाने के रास्ते, लिफ्ट, एस्केलेटर, शौचालय, कंट्रोल रूम, आग से सुरक्षा के इंतजाम, ट्रैक और बिजली की व्यवस्था, टेलीकॉम नेटवर्क और सुरक्षा व्यवस्थाएं शामिल हैं। स्टेशनों की सुंदरता बढ़ाने के कामों को भी देखा गया। CMRS की दूसरी जांच का यह हिस्सा प्राथमिकता वाले कॉरिडोर के एक बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्से को कवर करेगा। यह हिस्सा सुभाश नगर डिपो को AIIMS Bhopal से जोड़ता है। इस खंड में आठ मेट्रो स्टेशन हैं और यह शुरुआती यात्री सेवा का मुख्य आधार बनेगा।

MPMRCL के अधिकारियों ने बताया कि CMRS की यह जांच मेट्रो के संचालन की सुरक्षा और यात्रियों की सुविधा सुनिश्चित करने के लिए बहुत ज़रूरी है। उन्होंने बताया कि जांच में हर छोटी-बड़ी चीज़ का बारीकी से मुआयना किया जा रहा है। स्टेशन के अंदर और बाहर की सुरक्षा व्यवस्थाएं, यात्रियों के लिए आरामदायक माहौल और आपातकालीन स्थिति से निपटने के इंतजामों को परखा जा रहा है।

यह भी बताया गया कि मेट्रो के ट्रैक और बिजली की सप्लाई की जांच भी की जा रही है ताकि संचालन के दौरान कोई दिक्कत न आए। टेलीकॉम नेटवर्क की जांच यह सुनिश्चित करेगी कि यात्रियों को संचार की कोई समस्या न हो।

इस पूरे प्रोजेक्ट में MPMRCL के अधिकारी पूरी मेहनत से लगे हुए हैं ताकि भोपालवासी जल्द से जल्द इस आधुनिक सुविधा का लाभ उठा सकें।

दिवाली के बाद होगा अंतिम निरीक्षण

मेट्रो प्रबंधन के अनुसार अब अगला कदम सीसीआरएस द्वारा अंतिम निरीक्षण है। उनकी स्वीकृति मिलने पर ही भोपाल मेट्रो को ‘ओके टू रन’ रिपोर्ट जारी होगी। रिपोर्ट मिलते ही राजधानी के लोगों का लंबे समय से चल रहा इंतजार खत्म हो जाएगा और भोपाल मेट्रो अपने पहले चरण में एम्स से सुभाष नगर तक दौड़ने लगेगी।