हिमालय की ओर रवाना हुई जशपुर की जनजातीय पर्वतारोहण टीम, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के विज़न को मिला नया आयाम….

रायपुर: छत्तीसगढ़ के इतिहास में आज एक नया अध्याय जुड़ गया। जशपुर जिले के पाँच जनजातीय युवा पर्वतारोही हिमाचल प्रदेश स्थित दुहंगन ग्लेशियर क्षेत्र के लिए रवाना हो गए हैं। यह 18 दिवसीय उच्च हिमालयी प्रशिक्षण एवं पर्वतारोहण अभियान केवल साहस और रोमांच का अनुभव ही नहीं, बल्कि मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के उस विज़न का हिस्सा है, जिसके तहत उन्होंने जनजातीय युवाओं को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाने और उन्हें वैश्विक पहचान दिलाने का संकल्प लिया है।

जशपुर से निकलकर हिमालय की चोटियों तक

साजन टोप्पो, संजीव कुजूर, प्रतीक एक्का, मनीष नायक और अजीत लकड़ा यह पाँचों युवा जशपुर की जनजातीय पृष्ठभूमि से आते हैं। इनका हिमालय की ओर बढ़ता साहसिक कदम यह साबित कर रहा है कि गाँव और जंगल की मिट्टी से निकले सपने भी दुनिया की सबसे कठिन चोटियों को छू सकते हैं। यह अभियान न केवल जशपुर, बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ के युवाओं के लिए प्रेरणादायी संदेश है कि अवसर और जज़्बा हो तो कोई मंज़िल दूर नहीं।

मुख्यमंत्री का आशीर्वाद और राज्य सरकार का सहयोग

मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने रवाना होने से पूर्व पर्वतारोहण टीम को शुभकामनाएँ और आशीर्वाद दिया। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के जनजातीय युवाओं की ऊर्जा और क्षमता को वैश्विक मंच तक पहुँचाना उनकी प्राथमिकता है। राज्य सरकार के सहयोग और प्रतिष्ठित राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय संस्थानों के मार्गदर्शन से यह अभियान संभव हो पाया है।

अंतरराष्ट्रीय पर्वतारोहियों का साथ

इस यात्रा में स्पेन, अमेरिका और भारत के विख्यात पर्वतारोही और गाइड टीम के साथ रहेंगे। युवा पर्वतारोही बर्फीली चोटियों, ग्लेशियरों और दुर्गम चट्टानों पर चढ़ाई करते हुए नए पर्वतारोहण मार्गों को तलाशेंगे। यह अनुभव आगे चलकर छत्तीसगढ़ के युवाओं को प्रोफेशनल एडवेंचर स्पोर्ट्स और साहसिक पर्यटन की दिशा में सशक्त करेगा।

यह टीम हिमालय की ऊँचाइयों तक पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छ भारत मिशन का संदेश लेकर जाएगी। अभियान की शुरुआत से पहले पर्वतारोहियों ने जशपुर के प्रसिद्ध मधेश्वर धाम में पूजा-अर्चना कर आशीर्वाद लिया।

यह केवल हिमालय की चढ़ाई नहीं, बल्कि जनजातीय युवाओं की शक्ति, मुख्यमंत्री के विज़न, पर्यावरणीय जागरूकता और रोमांच का संगम है। आने वाली पीढ़ियों के लिए यह एक प्रेरणा बनेगा कि यदि हौसला बुलंद हो तो न केवल हिमालय, बल्कि सपनों की हर ऊँचाई को छुआ जा सकता है।