मनेन्द्रगढ़/एमसीबी
ईद मिलादुन्नबी मुसलमानों का एक बहुत ही पवित्र और महत्वपूर्ण त्योहार है। यह दिन हमारे प्यारे नबी हज़रत मोहम्मद ﷺ की पैदाइश (आमद) की खुशी में मनाया जाता है। हज़रत मोहम्मद ﷺ का जन्म 12 रबीउल अव्वल को मक्का शरीफ़ में हुआ था। इसीलिए इस दिन को बड़ी अकीदत और मोहब्बत के साथ पूरी दुनिया के मुसलमान मनाते हैं।
इस दिन लोग नबी ﷺ की महान शिक्षाओं और उपदेशों को याद करते हैं। आपने इंसानियत को बराबरी, भाईचारा, इंसाफ और सच्चाई का रास्ता दिखाया। अंधकार और बुराइयों से निकालकर लोगों को रोशनी और हिदायत का पैग़ाम दिया। इसलिए आपको रहमतुल्लिल आलमीन यानी सारी दुनिया के लिए रहमत कहा गया।
ईद मिलादुन्नबी के अवसर पर मस्जिदों को सजाया जाता है, जुलूस निकाले जाते हैं, दरूद और सलाम पढ़े जाते हैं तथा सीरत-ए-नबी ﷺ के जलसे आयोजित किए जाते हैं। लोग गरीबों और जरूरतमंदों की मदद करते हैं और खैरात बाँटते हैं।
ईद मिलादुन्नबी हमें यह संदेश देती है कि हम सिर्फ जश्न न मनाएँ बल्कि नबी ﷺ की बताई हुई राह पर चलें। उनकी शिक्षाओं को अपने जीवन में उतारें, तभी सच्ची मोहब्बत और अकीदत साबित होगी। ईद मिलादुन्नबी का असली मकसद यह है कि हम नबी ﷺ की पैदाइश की खुशी मनाते हुए उनके बताए रास्ते पर चलें और दुनिया में अमन, भाईचारा और इंसाफ का पैग़ाम फैलाएँ।