हिमालय की गोद से प्राप्त शुद्ध जल से निर्मित टेंसबर्ग, दिल्ली के बीयर बाजार में गुणवत्ता की नई क्रांति…

दिल्ली का बीयर बाजार अब मात्रा से ज़्यादा गुणवत्ता पर केंद्रित होता जा रहा है। बदलती जीवनशैली, अंतरराष्ट्रीय स्वादों के प्रति आकर्षण और स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता ने उपभोक्ताओं की प्राथमिकताओं को बदला है। इसी पृष्ठभूमि में नेपाल और भूटान से आयातित बीयर एक नई क्रांति की नींव रख रही है। यह बीयर केवल पेय नहीं, बल्कि स्वाद, शुद्धता और रणनीतिक सहयोग का प्रतीक बन गई है।

1. शुद्ध जल का स्वाद
नेपाल और भूटान की बीयर का मूल आधार है-हिमालय की गोद से प्राप्त शुद्ध और खनिज-युक्त जल। यह जल ग्लेशियरों से होकर आता है, जिससे बीयर में एक प्राकृतिक कुरकुरापन और स्मूदनेस आती है। जबकि भारत की कई ब्रुअरीज़ अब भी ट्रीटेड ग्राउंडवाटर या नगरपालिका जल पर निर्भर हैं, जो स्वाद में कमी ला सकते हैं।

2. गुणवत्ता की गारंटी
आयातित बीयर भारत में आने से पहले कई जांचों से गुजरती है-स्वास्थ्य प्रमाणपत्र, रासायनिक और सूक्ष्मजीव विश्लेषण जैसी प्रक्रिया इसे सुरक्षित बनाती है। इसके विपरीत, कई घरेलू इकाइयों में सफाई, स्थिरता और पैकेजिंग संबंधी समस्याएं सामने आती रही हैं।

3. आधुनिक तकनीक और नवाचार
नेपाल और भूटान की ब्रुअरीज़ यूरोपीय तकनीक से लैस हैं-जैसे क्लोज-लूप फर्मेंटेशन, हाईजीनिक पैकेजिंग और ऑटोमेशन। खासतौर पर भूटान की कार्बन-न्यूट्रल नीति, इसे एक पर्यावरण-संवेदनशील विकल्प बनाती है।

“हम न केवल उच्च गुणवत्ता वाली बीयर उपलब्ध करा रहे हैं, बल्कि भारत और उसके हिमालयी पड़ोसी देशों के बीच व्यापारिक और कूटनीतिक संबंधों को भी सुदृढ़ कर रहे हैं। दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी ब्रुअरीज टेंसबर्ग ग्रुप का कहना है कि हमारा लक्ष्य है उपभोक्ताओं को विश्वस्तरीय स्वाद और अनुभव प्रदान करना।”

इस नई पहल के ज़रिए दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी ब्रुअरीज टेंसबर्ग न केवल उपभोक्ताओं की अपेक्षाओं पर खरा उतर रहा है, बल्कि बीयर उद्योग में एक नई गुणवत्ता क्रांति की अगुवाई कर रहा है।

4. युवा वर्ग की पसंद
दिल्ली का शहरी युवा अब सस्ते ब्रांड नहीं, बल्कि गुणवत्ता, स्वास्थ्य और स्वाद की खोज में है। आयातित बीयर उनके लिए एक स्टाइल स्टेटमेंट बन चुकी है।

5. व्यापारिक और कूटनीतिक लाभ
यह आयात केवल व्यापार नहीं, बल्कि भारत-नेपाल और भारत-भूटान के बीच रिश्तों को भी मजबूती देता है। यह क्षेत्रीय सहयोग और स्थायी विकास का एक उदाहरण बन गया है।

6. दिल्ली की मांग का समाधान
दिल्ली में बीयर उत्पादन की कोई स्थानीय इकाई नहीं है। गर्मियों और त्योहारों में पड़ोसी राज्यों की प्राथमिकताएं बदल जाती हैं, जिससे स्टॉक की कमी हो जाती है। ऐसे में आयातित बीयर एक स्थायी और भरोसेमंद विकल्प बनती है।

निष्कर्ष
नेपाल और भूटान से बीयर का आयात केवल व्यापार नहीं, बल्कि गुणवत्ता, स्वास्थ्य, पर्यावरण और कूटनीति का संगम है। यह दिल्ली और भारत को एक नए, जागरूक उपभोक्ता युग की ओर ले जा रहा है-जहां स्वाद और समझ दोनों का महत्व है।