प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में बड़े स्तर पर की जा रही घपलेबाजी

एमसीबी

एमसीबी जिला में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत बनाई जा रही मेंड्राडोल से भर्रीडांड तक की सड़क में भारी भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है। योजना के तहत निर्माणाधीन इस सड़क में कुल 08 पुलियों का निर्माण होना था, लेकिन ठेकेदार द्वारा मात्र 05 पुलिया ही बनाई गईं। शेष 03 पुलियों को दिखाने के लिए ग्राम पंचायत की पुरानी जर्जर पुलियों की मरम्मत कर उन्हें 'नई' पुलिया बता दिया गया है। यह सरासर घोटाला और जनता के पैसों की लूट है।

बोर्ड पर भी साफ तौर पर 08 पुलियों के निर्माण का उल्लेख है, जिससे इस गड़बड़ी की पुष्टि होती है। स्थानीय गाँव वाले जब निर्माण स्थल पर कार्य देख रहे थे उन्हों ने बताया कि इस सड़क पर पहले से दो पुलिया ग्राम पंचायत द्वारा पहले से बनवाई हुई थी। वही एक व्यक्ति से पूछताछ करने पर, जो खुद को इस प्रोजेक्ट का सुपरवाइजर बताता है, तो उसने बेहद गैरजिम्मेदाराना जवाब दिया: "आप ठेकेदार से मिलिए या विभागीय अधिकारी से बात कीजिए। मैं कुछ नहीं बता सकता कि 08 की जगह 05 पुलिया क्यों बनीं।"

      वहीं संबंधित विभाग के अधिकारी न तो कार्यालय में मिलते हैं, न ही उनका मोबाइल उठाया जाता है। इससे साफ है कि पूरे मामले को दबाने और लीपापोती करने की कोशिश की जा रही है।

       ठेकेदार का इतिहास भी सवालों के घेरे में है। एमसीबी जिले में इससे पहले भी उसके द्वारा निर्मित एक सड़क को लेकर कलेक्टर को शिकायत की जा चुकी है। अब इस पुलिया घोटाले ने एक बार फिर विभाग की कार्यशैली और पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

      जनता की मांग है कि इस मामले की उच्च स्तरीय जांच हो, और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाए। क्या विभाग सोई हुई नींद से जागेगा या ये पुलियों का घोटाला भी फाइलों में दबकर रह जाएगा?

यह सिर्फ एक सड़क का नहीं, व्यवस्था की नीयत का मामला है।