सीजीपीएससी घोटाला मामले में सोनवानी के भतीजे राहुल, व्यवसायी के बेटे शशांक और बहू हुए गिरफ्तार

रायपुर: सी.जी.पी.एस.सी. घोटाले में जेल भेजे गए पूर्व अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी के भतीजे साहिल, व्यवसायी श्रवण गोयल के बेटे शशांक और बहू भूमिका को सी.बी.आई. ने गिरफ्तार कर लिया है। आपको बता दें कि इस मामले में दो दिनों में पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। उक्त तीनों को रायपुर की अवकाशकालीन न्यायाधीश कीर्ति कुजूर की अदालत में पेश कर पूछताछ के लिए 1 दिन की रिमांड पर लिया गया। बचाव पक्ष के वकील फैजल रिजवी ने रिमांड आवेदन का विरोध करते हुए कहा कि उनके मुवक्किल को नियमों को ताक पर रखकर गिरफ्तार किया गया है। उनकी गिरफ्तारी पत्रक पर हस्ताक्षर भी नहीं किए गए हैं। जिस अदालत में उन्हें पेश किया गया है, उसे रिमांड देने का अधिकार नहीं है। सी.बी.आई. ने शशांक और उनकी पत्नी भूमिका को नोटिस जारी कर 13 जनवरी को पेश होने को कहा था।

भूमिका बीमार होने के बाद दिल्ली के गंगाराम अस्पताल में इलाज कराने के लिए अपने पति के साथ दिल्ली गई थी। इसी दौरान दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया। वहीं अभियोजन पक्ष ने अदालत को बताया कि जांच के दौरान मिले इनपुट के आधार पर तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इससे पहले भी नितेश और ललित को अवकाशकालीन न्यायालय में पेश कर रिमांड पर लिया जा चुका है। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद न्यायाधीश ने एक दिन की रिमांड मंजूर की। 

घोटालेबाजों के रिश्तेदारों पर कसता शिकंजा

पूर्व सीजीपीएससी चेयरमैन तमन सिंह के बाद सीबीआई ने उनके बेटे नितेश, बड़े भाई के बेटे साहिल, व्यवसायी श्रवण गोयल के बेटे शशांक गोयल, उनकी पत्नी और कांग्रेस नेता सुधीर कटियार की बेटी भूमिका (गोयल) को गिरफ्तार किया है। उक्त सभी लोगों के बयान के आधार पर अन्य लोगों की गिरफ्तारी की तैयारी चल रही है। 

परीक्षा पेपर लीक होने का संदेह 

सीबीआई अधिकारियों को संदेह है कि सीजीपीएससी का पेपर लीक कर अपने करीबी लोगों को भेजा गया। इसके बदले में करोड़ों रुपए का लेन-देन हुआ। इसी आधार पर जब 18 लोग मेरिट लिस्ट में पहुंचे तो उक्त लोगों का चयन कर लिया गया। बताया जाता है कि जांच के दौरान यह इनपुट मिलने के बाद ललित गणवीर को गिरफ्तार किया गया है। नितेश से मांगी शैक्षणिक योग्यता: डिप्टी कलेक्टर के पद पर 7वीं रैंक में चयनित नितेश से सीबीआई ने उसकी शैक्षणिक योग्यता के बारे में पूछताछ की। साथ ही सीजीपीएससी में चयन प्रक्रिया पर चर्चा की गई और मेरिट लिस्ट में सरनेम न लिखने का कारण पूछा गया। साथ ही नितेश की बोर्ड परीक्षा और स्नातक की मार्कशीट का भी निरीक्षण किया गया। इस दौरान पाया गया कि नितेश पढ़ाई में औसत दर्जे का है। वहीं डिप्टी एग्जाम कंट्रोलर ललित गणवीर से सीजीपीएससी में उसकी भूमिका के बारे में पूछताछ की गई और घोटाले के बारे में पूछताछ कर उसका बयान लिया गया। हालांकि दोनों ने कहा कि संबंधित लोगों का चयन नियमानुसार परीक्षा और मेरिट लिस्ट के आधार पर हुआ है। बताया जाता है कि जल्द ही पीसीपीएससी में पदस्थ तत्कालीन अधिकारी और अन्य चयनित लोगों को पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा।