दिल्ली विधानसभा चुनाव का ऐलान

5 को मतदान, 8 फरवरी को आएंगे नतीजे
डेढ़ करोड़ वोटरों के लिए 33 हजार बूथ बनाए

नई दिल्ली। दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों पर सिंगल फेज में 5 फरवरी को वोटिंग होगी। रिजल्ट 8 फरवरी को आएंगे। मुख्य चुनाव आयुक्त (ईसीआई) राजीव कुमार ने मंगलवार को यह जानकारी दी। तारीखों की घोषणा के दिन से रिजल्ट तक दिल्ली चुनाव की प्रक्रिया 33 दिन में पूरी हो जाएगी। 2015 और 2020 के मुकाबले इस बार चुनाव और रिजल्ट की घोषणा एक हफ्ते पहले हो रही है। डेढ़ घंटे की प्रेस कॉन्फ्रेंस में ईसीआई सिर्फ 10 मिनट दिल्ली चुनाव पर बोले। 1 घंटे से ज्यादा का वक्त उन्होंने ईवीएम, वोटर लिस्ट में गड़बड़ी और खास वर्ग के वोटर्स का नाम हटाने जैसे विपक्ष के आरोपों के जवाब में दिया।  उन्होंने कहा कि चुनाव में चुनावी प्रक्रिया पर सवाल उठाना गलत ट्रेंड है। इससे युवा वोटर्स पर असर पड़ता है। सुप्रीम कोर्ट भी ईवीएम पर सवाल उठाने वालों को खारिज कर चुका है।

चुनाव आयुक्त बोले- ईवीएम से छेड़छाड़ नहीं की जा सकती है
दिल्ली विधानसभा चुनावों की तारीखों के एलान के बीच मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने ईवीएम को लेकर चर्चा की। उन्होंने स्पष्ट किया कि ईवीएम से छेड़छाड़ नहीं की जा सकती है। इसके साथ ही उन्होंने मुख्य चुनाव आयुक्त के तौर पर कार्यकाल खत्म होने का संकेत दिया। चुनाव आयुक्त  ने बताया कि कुछ खास तरह की चिंताएं थीं जिसे राजनीतिक दलों ने उठाई थीं। उन्होंने आगे कहा कि मतदाता सूची में गलत तरीके से नाम जोड़े और हटाए गए। यह भी दावा किया गया कि कुछ समूहों को निशाना बनाया गया और उनके नाम हटा दिए गए।

वोटर लिस्ट से नाम हटाने के आरोपों पर चुनाव आयोग
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा, हर गांव में हर पोलिंग स्टेशन पर जो भी ड्राफ्ट रोल है उसकी कॉपी पब्लिश की जाती है। बिना पर्सनल हेयरिंग के नाम नहीं कट सकता है। दो फीसदी से अधिक के नाम कटने से एआरओ और आरओ जाकर खुद चेक करते हैं। ईवीएम पर बोलते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा, ईवीएम पर सब जवाब होने के बाद भी कहा गया कि इसे मैनिपुलेट किया जा सकता है। वोटर टर्नआउट 5 बजे के बाद बढ़ जाता है। कई इलाकों में वोटर बढ़ गए। उन्होंने आगे कहा कि काउंटिंक में मिसमैच हो गया, कहीं कम गिन लिए, कहीं ज्यादा गिन लिए गए। सभी सवालों का जवाब आज देंगे।

पोलिंग एजेंट रिकॉर्ड रखते हैं: चुनाव आयुक्त
चुनाव आयुक्त ने कहा, चुनाव से पहले नई बैटरी डाली जाती है। उसी दिन उसे सील की जाती है। जिस दिन पोलिंग डे होता है उस दिन सील पोलिंग एजेंट के सामने तोड़ी जाती है। मॉक पोल किया जाता है। पोलिंग एजेंट रिकॉर्ड रखते हैं, कौन आया कौन गया। किसमें कितने वोट पड़े इसकी संख्या उनको दी जाती है। काउंटिंग के दिन भी पूरी प्रक्रिया दोहराई जाती है। फॉर्म 17 सी से मिलान होता है। उसके बाद बाद पांच रेंडमली सिलेक्टेड वीवीपैट की गिनती भी की जाती है। सारी चीजों को बहुत बार चैलेंज किया गया है। माननीय हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि ईवीएम रद्द नहीं किया जा सकता है। इसके खिलाफ कोई पुख्ता सबूत नहीं है।