पाकिस्तानी संसद में विपक्ष के एक सांसद ने भारत की तारीफ करते हुए अपने ही देश की बुरी गत का जिक्र कर दिया।
नेशनल असेंबली में विपक्ष के नेता और जेयूआई-एफ प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान ने बयान दिया कि एक तरफ भारत है जो लगातार महाशक्ति बनने की तरफ बढ़ रहा है, दूसरी तरफ हम हैं जो दिवालिया होने से बचने के लिए दूसरे देशों से भीख मांग रहे हैं।
रहमान ने शहबाज शरीफ पर निशाना भी साधा। आरोप लगाया कि पाकिस्तान में सरकारें महलों में बनती हैं। पर्दे के पीछे के कुछ लोग फैसले ले रहे हैं और हम सिर्फ कठपुतली बने हुए हैं।
दरअसल, 2024 के संसदीय चुनाव के बाद पाकिस्तान में नई सरकार का गठन तो हो गया लेकिन, हालात अभी भी नहीं सुधरे हैं। जोड़-तोड़ कर सरकार बनाने वाले शहबाज शरीफ एक बार फिर पीएम की कुर्सी पर विराजमान हो चुके हैं।
तमाम वादों के बावजूद पाकिस्तान की आर्थिक दुर्दशा में रत्ती भर भी फर्क नहीं आया। शहबाज शरीफ लगातार दूसरे देशों में जाकर आर्थिक मदद ला रहे हैं, जिसके दम पर सरकार चल रही है।
हालत ये हो गई है कि अब सांसदों ने भी शहबाज शरीफ सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
सांसद अब खुलेआम पीएम शहबाज शरीफ को खरी-खोटी सुनाने में लगे हैं। नेशनल असेंबली पर अपने भाषण में मौलाना फजलुर रहमान का शहबाज पर जमकर गुस्सा फूटा।
उन्होंने कहा कि एक तरफ भारत महाशक्ति बनने का सपना देख रहा है और हम दिवालिया होने से बचने के लिए भीख मांग रहे हैं। इसका जिम्मेदार कौन है?
एआरवाई न्यूज में छपि रिपोर्ट के अनुसार, मौलाना फजलुर रहमान ने देश की दुर्दशा के लिए पर्दे के पीछे से फैसले लेने वाली अदृश्य ताकतों को जिम्मेदार ठहराया।
उन्होंने देश की निर्वाचित सरकार को महज उनकी कठपुतली बताया। साथ ही दावा किया कि ”हमारी दीवारों के पीछे कुछ ऐसी शक्तियां हैं जो हमें नियंत्रित कर रही हैं और वे ही सारे निर्णय ले रहे हैं जबकि हम सिर्फ कठपुतलियां हैं।”
रहमान ने संसद की वैधता पर सवाल उठाते हुए संविधान के सिद्धांतों को त्यागने और “लोकतंत्र को बेचने” का आरोप लगाया। उन्होंने आरोप लगाया, ”सरकारें महलों में बनती हैं और नौकरशाह तय करते हैं कि प्रधानमंत्री कौन होगा?” मौलाना फजल ने सवाल किया, “कब तक हम समझौता करते रहेंगे? कब तक हम विधायक चुने जाने के लिए बाहरी ताकतों से मदद मांगते रहेंगे।”
हमारे यहां चुनावों में हो रही धांधली
रहमान ने 2018 और 2024 दोनों समय लोकसभा चुनावों में हुई धांधली की निंदा की और कथित तौर पर नकली प्रतिनिधियों के सत्ता में आने की निंदा की।
रहमान ने दावा किया कि देशवासी असुरक्षा से ग्रस्त हैं और इसके प्रति हमारी सरकार को होश में आने की जरूरत है।
उन्होंने सवाल किया, ”इस सभा में बैठते समय हमारी अंतरात्मा कैसे साफ हो सकती है, क्योंकि हारने वाले और जीतने वाले दोनों संतुष्ट नहीं हैं।”