हमास आतंकियों के साथ भीषण होते युद्ध के बीच इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अपने देश में कतर के न्यूज चैनल अल जजीरा के प्रसारण पर रोक लगा दी है।
नेतन्याहू की तरफ से बयान में कहा गया कि अल जजीरा ने इजरायल के खिलाफ रिपोर्टिंग की है। नेतन्याहू ने चैनल को आतंकी चैनल कहकर भी संबोधित किया।
चैनल को बंद कराने के लिए रात को संसद बुलाई गई। जहां कानून पारित करने के बाद ‘आतंकी चैनल’ पर तत्काल रोक लगा दी गई।
इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने अल जजीरा पर इजरायली सुरक्षा को नुकसान पहुंचाने, सात अक्टूबर की रोज हमास के आतंकी हमलों में उसका साथ देने और इजरायल में हिंसा भड़काने समेत कई गंभीर आरोप लगाए हैं।
नेतन्याहू ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘आतंकी चैनल अल जजीरा अब इजरायल में प्रसारित नहीं होगा। चैनल की गतिविधियों को रोकने के लिए नए कानून के तहत तुरंत कार्रवाई करना मेरा संकल्प है।’’
इस संबंध में न तो इजरायल में स्टेशन के मुख्य कार्यालय और न ही दोहा में कतरी सरकार ने तुरंत टिप्पणी की है।
उधर, अल जजीरा ने आरोप लगाया है कि इजरायल पहले भी उसके ऑफिसों और कर्मियों को निशाना बनाता रहा है। बताते चलें कि इज़रायली अधिकारियों ने लंबे समय से अल जज़ीरा के कवरेज के बारे में शिकायत की है।
इज़राइल के संचार मंत्री का आरोप है कि हमास आतंकियों के साथ अल जजीरा के पत्रकारों ने भी हथियारों के साथ इजरायली सैनिकों पर धावा बोला है।
अलजजीरा के खिलाफ इजरायली सरकार लंबे समय से इस तरह के आरोप लगाती रही है कि वे पत्रकारिता की आड़ में हमास आतंकियों के साथ इजरायल के खिलाफ जंग में हिस्सा ले रही है। अमेरिका ने भी अलजजीरा पर लग रहे आरोपों को लेकर चिंता जताई है।
व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव कैरिन जीन पियरे ने कहा कि हम प्रेस की स्वतंत्रता पर यकीन करते हैं लेकिन, अलजजीरा पर सामने आई रिपोर्ट में बात सच है तो यह बेहद गंभीर विषय है।
उधर, गाजा पट्टी में इजरायली सेना और हमास के बीच वर्चस्व की लड़ाई जारी है।
फिलिस्तीनी स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, गाजा में इजरायल के छह महीने के सैन्य हमले के दौरान 32,000 से अधिक फिलिस्तीनी मारे गए हैं, जिनमें पिछले 24 घंटों में 63 लोग शामिल हैं।
इज़रायली आंकड़ों के अनुसार, 7 अक्टूबर के हमले में, हमास ने 1,200 लोगों को मार डाला और 253 को बंधक बना लिया था।