गांव- गांव में सिखाए जा रहे हैं स्वच्छता के नए-नए पाठ

भोपाल। स्वच्छ भारत से ही स्वस्थ भारत का निर्माण हो सकता है, इस संकल्पना को साकार करने के लिए पूरे प्रदेश में स्वच्छता ही सेवा अभियान चलाया जा रहा है। स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण में वर्ष 2025 तक प्रदेश के ग्रामों को कचरे और कीचड़ के मुक्ति दिलाकर उन्हें मॉडल श्रेणी का ओडीएफ प्लस गांव बनाने का लक्ष्य है। संपूर्ण स्वस्छता के लिए बेहतर अवशिष्ट प्रबंधन करना भी एक महत्वपूर्ण कारक है। इसी क्रम में स्वच्छता अभियान के तहत गांवों में अवशिष्ट प्रबंधन के नवीन तरीके सिखाने के लिए कार्यशालाओं का आयोजन किया जा रहा है।
स्वच्छाग्रहियों ने सीखे कबाड़ से जुगाड़ के गुर
अभियान के नवाचारों के क्रम में इंदौर जिले की जनपद पंचायत इंदौर के ग्राम पंचायत बांक में निर्मित खंड स्तरीय प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन यूनिट पर कबाड़ से जुगाड़ थीम पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में अपशिष्ट में निकल रहे प्लास्टिक एवं अन्य अनुपयोगी वस्तुओं से उपयोगी वस्तुएं बनाने का प्रशिक्षण दिया गया। कबाड़ से जुगाड़ की परिकल्पना अंतर्गत अपशिष्ट को पुनः उपयोग योग्य बनाते है, जिससे अपशिष्ट को पुनः पर्यावरण में जाने से रोकते हुए प्रदूषण को कम करने के विशेष प्रयास किये जा रहे है। कार्यशाला में जिले के 30 स्वच्छाग्रही सम्मिलित हुए एवं कबाड़ से उपयोगी एवं कलात्मक चीजे बनाने की कला सीखी। प्रशिक्षण के पश्चात ये स्वच्छाग्रही अन्य स्थलों पर इस तरह के प्रशिक्षण आयोजित करेंगे।
उल्लेखनीय है कि प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन में बांक प्लांट को पूरी तरह से मशीनीकृत किया जा चुका है जिसमें फटका मशीन,बेलिंग मशीन एवं प्लास्टिक क्रशर मशीन स्थापित की गई है। आवश्यकता को देखते हुये अब प्लांट में प्लास्टिक अपशिष्ट को गलाकर दाने बनाए जाने की अग्लो मशीन भी स्थापित करने की योजना है, जिससे प्लास्टिक अपशिष्ट का प्लांट में ही पूरी तरह निपटान हो सकेगा। बांक प्लांट में वर्तमान में 3 ग्राम पंचायतों को सीधे जोड़ा गया है जिसमें लगभग 1500 किग्रा कचरा प्रतिदिन प्रबन्धित किया जा रहा है। शीघ्र ही इस यूनिट को पूरे खंड के क्लस्टर के साथ जोड़ा जायेगा, जिससे प्रतिदिन लगभग 8 से 10 हजार किलोग्राम कचरा प्रबन्धित किया जा सकेगा।
जिले के सभी 4 विकास खंड में खंड स्तरीय प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन यूनिट का निर्माण कर लिया है, जिसमें कालीविलोद देपालपुर, उमरिया महू एवं मांगलिया सांवेर में स्थित है। ये सभी प्लांट भी मशीनीकृत कर लिये गये है। सीईओ श्री सिद्धार्थ जैन द्वारा बताया गया कि जिले के अन्य एमआरएफ को शीघ्रता से क्लस्टर से जोड़ा जा रहा है ताकि जिले के सभी गाँवों से निकलने वाले प्लास्टिक को रीसायकल, रियूज़ की व्यवस्था में जोड़ा जा सकें।
– माहवारी अपशिष्ट प्रबंधन पर कार्यशाला का आयोजन
सम्पूर्ण स्व्च्छता के लिये एक बहुत ही महत्वपूर्ण विषय है माहवारी अपशिष्ट प्रवंधन इसके लिये जनपद पंचायत सांवेर के ग्राम पंचायत टोडी में महिला स्व-सहायता समूह के क्लस्टर स्तर फेडरेशन की लगभग 140 महिलाओं के साथ माहवारी अपशिष्ट प्रवंधन विषय पर प्रशिक्षण आयोजित किया गया।
प्रशिक्षण में महिलाओं को माहवारी के समय रखी जाने बाली आवश्यक सावधानी एवं निकले बाले अपशिष्ट को सही तरीके से निपटान के बारे में चर्चा की गई। महिलाओं को अपने गांव में घर घर से कचरा संग्रहण, सेग्रीगेशन के बारे में भी अवगत कराया गया। स्व-सहायता समूह के महिलाओं ने प्रशिक्षण में सक्रिय होकर भाग लिया एवं खुलकर चर्चा भी की गई।
– विभिन्न गाँवो में आयोजित हुये गतिविधियां
इसी के साथ आज इंदौर जिले की विभिन्न ग्राम पंचायतों में स्व्च्छता आधारित विभिन्न गतिविधिया संचालित की गई। जनपद पंचायत देलालपुर की ग्राम पंचायत उशापुरा, कालीविलोद, चिमनखेड़ी, गोहान, धन्नड आदि में स्वच्छताकर्मियो के लिए स्वास्थ्य शिविर लगाए गये।
जनपद पंचायत महू में एक पेड़ मां के नाम के अंतर्गत पौधरोपण किया गया। ग्राम पंचायत सिमरोल महू में जन अभियान परिषद द्वारा स्व्च्छता रैली निकाली गई। शालेय गतिविधियों अंतर्गत शालाओं में हाथ धुलाई कार्यक्रम आयोजित किए गये जिससे बच्चे स्व्च्छता की आदतों को अपना सके।