जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभाव से विश्व में फैल रही गंभीर बीमारियां : अध्ययन

लंदन । पृथ्वी पर बढ़ती गर्मी के चलते जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभाव इंसानों पर गंभीर बीमारी बनकर कहर बरपा रहे है। हर उम्र के लोग किसी न किसी बीमारी से जूझ रहे हैं। सर्दी, जुकाम से लेकर गंभीर बीमारियों का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है। दुनियाभर में इन बीमारियों की वजह से हर साल करोड़ों लोग जान गंवा रहे हैं। विश्व का कोई भी कोना हो, हर तरफ बीमारियों की वजह से हाहाकार मचा हुआ है। मेडिकल साइंस की तमाम कोशिशों के बावजूद बीमारियों पर लगाम नहीं लग पा रहा है। आपने कभी सोचा है कि ऐसा क्यों हो रहा है? एक ताजा अध्ययन में बीमारियां फैलने की सबसे बड़ी वजह का खुलासा हुआ है, जिसे जानकर आप हैरान रह जाएंगे।
एक मेडिकल रिपोर्ट के मुताबिक, ताजा अध्ययन में खुलासा हुआ है कि बढ़ती बीमारियों की सबसे बड़ी वजह क्लाइमेट चेंज यानी जलवायु परिवर्तन है। स्टडी में पता चला है कि दुनियाभर में इंसानों को प्रभावित करने वाली 375 संक्रामक बीमारियों में से 58 फीसदी डिजीज का प्रकोप क्लाइमेट चेंज की वजह से बढ़ गया है। ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन जलवायु संबंधी खतरों को बढ़ा रहा है, जिसके कारण इंसान मौत के मुंह में जा रहे हैं। बैक्टीरिया और वायरस फैलने के लिए क्लाइमेट में बदलाव काफी हद तक जिम्मेदार हैं। शोधकर्ताओं का कहना है कि भविष्य में अगर क्लाइमेट चेंज को लेकर सख्त कदम नहीं उठाए गए तो परिस्थितियां ज्यादा गंभीर हो सकती हैं।
शोधकर्ताओं ने इन्फ्लुएंजा, मलेरिया और सार्स जैसे रोगों को प्रभावित करने वाले जलवायु खतरों की तलाश में 77000 से ज्यादा स्टडीज की जांच की। इनमें पता चला कि ज्यादा गर्मी, सूखा, जंगल की आग, अत्यधिक वर्षा, बाढ़, तूफान। समुद्र के लेवल में वृद्धि, महासागरीय जलवायु परिवर्तन और भूमिगत बदलाव बीमारियों की प्रमुख वजह बनकर सामने आए हैं। इन कारणों की वजह से मलेरिया, इंफ्लुएंजा, सार्स, अस्थमा, स्किन एलर्जी जैसे रोग गंभीर स्वास्थ्य समस्या बन रहे हैं। स्टडी के निष्कर्ष में पता चला कि जलवायु परिवर्तनों की वजह से 277 रोग बढ़ गए हैं। कुल मिलाकर शोधकर्ताओं ने पाया कि सभी संक्रामक रोगों में से 58 फीसदी ने दुनिया भर में इंसानों को बुरी तरह प्रभावित किया है।