उपराष्ट्रपति धनखड़ ने की खाप की तारीफ, बोले- एक-दो घटनाओं से नहीं करें आकलन…

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने शनिवार को खाप को लेकर बड़ा बयान दिया है।

उन्होंने कहा, “खाप हमारी संस्कृति है और हमारी सभ्यता की गहराई का प्रतीक है। इसका मूल्यांकन कुछ अलग-अलग घटनाओं के आधार पर नहीं किया जा सकता है।’

उन्होंने आलोचना करने वाले लोगों से अपील करते हुए कहा,“आपर खाप की संस्कृति को देखिए। इसकी पृष्ठभूमि में जाइए। आप पाएंगे कि खाप सकारात्मक है।”

उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा कि हम सिर्फ एक या दो घटनाओं के जरिए इसका आकलन नहीं कर सकते।

वह शनिवार को फरीदाबाद के सूरजकुंड मेले में ‘हरियाणा सरकार के 9 अतुल्य वर्ष: एक नए और जीवंत हरियाणा का उद्भव’ पुस्तक के विमोचन के अवसर पर बोल रहे थे।

इस कार्यक्रम में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय भी शामिल हुए।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि जब उन्हें पुस्तक विमोचन के लिए बुलाया गया तो उन्हें नहीं पता था कि पुस्तक में क्या है। हरियाणा के मुख्यमंत्री के साथ अपने संबंधों के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, “मनोहर लाल खट्टर के साथ मेरे संबंध लंबे और गहरे हैं। उन्होंने हरियाणा में जो किया है वह कभी आसान काम नहीं था। उनका आदर्श वाक्य सब कुछ राज्य के लिए, सब कुछ लोगों के लिए है, अपने लिए कुछ नहीं है।”

देश के हालात पर बोलते हुए धनखड़ ने कहा, ‘दस साल पहले भारत दो चीजों के लिए जाना जाता था- घोटालों और दुनिया के सामने कमजोर अर्थव्यवस्था की छवि। देखो हम कितनी दूर आ गये हैं।

आज हम विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति हैं। हमने कनाडा, इंग्लैंड और फ्रांस को पीछे छोड़ दिया है। अगले दो-तीन वर्षों में जापान और जर्मनी को पछाड़कर भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। इसका मतलब है कि भ्रष्टाचार विकास को खा जाता है। भ्रष्टाचार योग्यतातंत्र के विपरीत है।”

उपराष्ट्रपति धनखड़ ने यह भी कहा कि 2047 में जब हम आजादी के 100 साल पूरे करेंगे तब भारत विकसित होगा और दुनिया में पहले स्थान पर होगा।

हरियाणा के राज्यपाल दत्तात्रेय ने पिछले नौ वर्षों में हरियाणा के लोगों द्वारा देखे गए विकासात्मक परिवर्तनों पर गर्व व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इस निरंतर विकास के कारण आने वाली पीढ़ियां इन परिवर्तनकारी क्षणों को हमेशा संजोकर रखेंगी।

राज्यपाल ने कहा कि हरियाणा अब देश के अग्रणी राज्यों में से एक बनकर उभरा है और उन्होंने इस प्रगति का श्रेय “हरियाणा एक-हरियाणवी एक” के सिद्धांत द्वारा निर्देशित समान विकास, भ्रष्टाचार मुक्त शासन और पारदर्शिता के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दिया है।

सभा को संबोधित करते हुए सीएम खट्टर ने कहा कि पुस्तक राजनीति, शिक्षा, सामाजिक कार्य, प्रशासन और न्यायपालिका में विभिन्न पदों पर बैठे व्यक्तियों के दृष्टिकोण को समाहित करती है।

अपने नौ साल के कार्यकाल पर विचार करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार सुशासन और अंत्योदय के सिद्धांतों द्वारा निर्देशित थी। इसने राज्य के निवासियों के जीवन को बेहतर बनाने का प्रयास किया है।